आत्मा क्या है?
आत्मा उप प्रमुख भागीदारों की संस्था है जो जिला स्तर पर कृषि के विकास को स्थायित्व प्रदान करने संबंधी कृषि की गतिविधियों में संलग्न है। यह कृषि प्रसार एवं अनुसंधान की गतिविधियों के एकीकरण के साथ ही सार्वजनिक कृषि प्रौद्योगिकी व्यवस्था प्रबन्धन के विकेन्द्रीकरण की दिसा में किया जाने वाला एक सार्थक प्रयास है। यह एक स्वायत पंजीकृत संस्था है, जो जिला स्तर पर प्रौद्योगिकी प्रसार के लिए उत्तरदायी है। यह संस्था सीधे निधि प्राप्त करने (राज्य/भारत सरकार,सदस्यता,लाभार्थी से सहयोग आदि), अनुबंध करार एवं लेखा अनुरक्षण करने में पूर्ण समर्थ होने के साथ ही स्वावलम्बन हेतु षुल्क तथा परिचालन व्यय करने में भी समर्थ है।
आत्मा की आवष्यक्ता क्यों?
आत्मा जिले में सभी प्रौद्योगिकी प्रसार गतिविधियों के लिए जिम्मेवार है। इसका कृषि विकास से जुड़े सभी विभागों,संस्थाओं,गैर सरकारी संगठनों एवं अभिकरणों के साथ संबंध है। ‘आत्मा’ जिले में कार्यरत संस्थाओं जैसे-कृषि विज्ञान केन्द्र, क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र तथा सभी प्रमुख लाइन विभागों जैसे-कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्यपालन आदि आत्मा के संगठनात्मक सदस्य है। इसमें से प्रत्येक विभाग अपनी विभागीय पहचान बनाये रखेंगे,लेकिन उनके प्रसार एवं अनुसंधान संबंधी गतिविधियों का निर्धारण आत्मा के षासी परिशद् द्वारा किया जाएगा, तथा उनका क्रियान्वयन आत्मा प्रबंध समिति के द्वारा होगा।
आत्मा के लक्ष्य एवं उदेश्य :
» क्षेत्र विषेश के संसाधन एवं लोगों की माँग पर आधारित तकनीकि सेवा का विकास करना।
» कृषि कार्य से सम्बद्ध सभी कृषक अनुसंधान एवं प्रसार कार्यकरतवो को सहभागी उदेश्यों हेतु जोड़ना एवं सुदृढ़ करना।
» कृषि प्रबंध व्यवस्था में सबलीकरण हेतु किसान समूहों का निर्माण करना।
» क्षेत्र विषेश की आवष्यक्ता आधारित कृषि व्यवस्था की पहचान एवं सुदृढ़ीकरण करना।
» योजनाओं का क्रियान्वयन सम्बद्ध विभागों, प्रषिक्षण संस्थानों, स्वयंसेवी संस्थानों, कृषक समूहों आदि द्वारा करना।
» सभी सम्बद्ध विभागों एवं भागीदारों के सामंजन द्वारा अनुसंधान-प्रसार कड़ी को सक्षम बनाना।
» कृषि प्रसार क्षेत्र में सूचना तकनीक एवं मीडिया की भूमिका को बढ़ावा देना।
» कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना।
» कृषि के सर्वागीण विकास हेतु निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना।
आत्मा को आत्माषाशी परिशद् एवं प्रबंध समिति द्वारा सहयोग किया जाएगा। आत्मा अंतर्गत प्रखण्ड स्तर पर कृशक सूचना एवं सलाहकार केन्द्र(एफ.आई.ए.सी.) का संचालन तकनीकी सलाहकारों की प्रखण्ड तकनीकी दल(बी.टी.टी.) एवं किसान समूहों के किसान सलाहकार समिति(एफ.ए.सी.) द्वारा होता है। ग्राम एवं प्रखण्ड स्तर पर व्यवसाय आधारित किसान हित समूहों (एफ.आई.जी.) को प्रोत्साहन देना,जिससे तकनीकी सृजन एवं प्रसारण में किसान की भूमिका एवं जवाबदेही हो।
आत्माषाशी परिशद् एक नीति निर्धारण सलाह देनेवाली तथा आत्मा की प्रगति एवं कार्यो की समीक्षा करने वाली निकाय है।